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कम में संतुष्ट होना सीखना होगा जड़ों से कभी अलग ना हो याद आती है उसकी निभाता जो है मुहब्बत मेरी मंज़िल मधुशाला है पास तू है मां मेरे जब तू पास है

Hindi जो अपने पास है उसकी कदर करो Poems